Shark Tank India Season 3: Tramboo कश्मीर विलो का कमाल: शार्क टैंक में त्रम्बू स्पोर्ट्स की ऐतिहासिक डील|
Shark Tank India Season 3 Tramboo, जब दुनिया की नजरें कश्मीर की घाटियों पर पड़ती हैं, तो वे अक्सर इसके खूबसूरत परिदृश्य, शांत झीलों और मोहक संस्कृति को देखती हैं। लेकिन, कश्मीर की इन्हीं घाटियों में, एक ऐसी कहानी भी छिपी है जो ना केवल इस क्षेत्र के लोगों के जुनून और कौशल का प्रतीक है, बल्कि एक वैश्विक मंच पर इसके उत्पाद की सफलता की कहानी भी कहती है। यह कहानी है ‘Tramboo Sports’ की, एक कंपनी जिसने कश्मीर विलो के बल्लों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है।
जीवन की कठिनाइयों से जूझते हुए, कश्मीर के युवा हमाद और साद त्रम्बू ने न केवल अपने सपनों को साकार किया बल्कि उन्होंने दिखाया कि कैसे दृढ़ संकल्प और सच्ची लगन से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। ‘Tramboo Sports’ के पीछे की यह यात्रा केवल एक व्यावसायिक सफलता की कहानी नहीं है; यह उस अदम्य इच्छाशक्ति की कहानी है जो हमें यह याद दिलाती है कि सपने देखना और उन्हें पूरा करने के लिए संघर्ष करना कितना महत्वपूर्ण है।
इस आर्टिकल के माध्यम से, हम न केवल ‘Tramboo Sports’ की सफलता की कहानी को साझा करेंगे बल्कि उस जीवनदर्शन को भी सामने लाएंगे जो हमें बताता है कि असली सफलता उन चुनौतियों को पार करने में है जो हमें रास्ते में मिलती हैं।
Shark Tank India Season 3 Tramboo Sports यह दुनिया स्तरीय “Kashmir Willow Bats” बनाने वाली कंपनी है।
Tramboo Sports, एक Srinagar-based कंपनी है जो “Kashmir Willow Bats” का निर्माण करती है। इसे Shark Tank India के तीसरे सीजन में बड़ी सफलता मिली जहां इसने दो प्रमुख निवेशकों से 30 लाख रुपये का निवेश प्राप्त किया। कंपनी के सह-संस्थापक, कॉलेज के छात्र हमाद और साद त्रम्बू हैं, जो BBA की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने अपने अभिनव कश्मीर विलो बैट्स के लिए 3% इक्विटी स्टेक के बदले में निवेश की मांग की थी।
Tramboo Sports ने अपनी खास तकनीक और प्रक्रिया के माध्यम से क्रिकेट बैट्स बनाने में क्रांति लाने का दावा किया है। उन्होंने बताया कि वे कश्मीर विलो की लकड़ियों को ग्रेड करने के बाद उन्हें टुकड़ों में काटते हैं, जिन्हें फिर एक क्रांतिकारी सीज़निंग प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। उनके बैट्स में सिंगापुर केन हैंडल्स होते हैं जो शॉक एब्सॉर्प्शन को बेहतर बनाते हैं। उनका दावा है कि उनके बैट्स बाजार में मौजूद अन्य बैट्स की तुलना में हल्के होते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि Instagram उनके व्यापार की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जहां उनकी 70% ऑनलाइन बिक्री होती है।
शार्क टैंक इंडिया पर उनके प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान, पेयुष बंसल (Lenskart के सह-संस्थापक) और अमन गुप्ता (BOAT के सह-संस्थापक) ने अंततः Tramboo Sports में 30 लाखरुपये के निवेश के लिए 4% इक्विटी स्टेक पर सहमति व्यक्त की। इस निवेश के साथ, वे कश्मीर विलो बैट ब्रांड को और भी आगे बढ़ाने की उम्मीद करते हैं।
Tramboo Sports ने बताया कि उनके उत्पादों की कीमतें 1800 रुपये से शुरू होकर 7000 रुपये तक होती हैं, जो टेनिस बैट्स से लेकर प्रवेश स्तर के इंग्लिश विलो बैट्स तक की रेंज में हैं। इसके अलावा, उन्होंने अपने वित्तीय सफलता के आंकड़े साझा किए, जो उनके बैट्स की बढ़ती मांग को दर्शाते हैं, विशेषकर T20 मैचों में जुनैद सिद्दीकी जैसे खिलाड़ियों के बीच।
निष्कर्ष
Tramboo Sports की कहानी Shark Tank India के मंच पर उभरते हुए कश्मीरी उद्यमिता की एक प्रेरणादायक झलक प्रस्तुत करती है। हमाद और साद त्रम्बू ने अपने अद्वितीय और उच्च-गुणवत्ता वाले कश्मीर विलो बैट्स के साथ न केवल निवेशकों को आकर्षित किया, बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कश्मीर विलो के बैट्स की लोकप्रियता को भी बढ़ाया। 30 लाख रुपये के निवेश के लिए 4% इक्विटी स्टेक के बदले में पेयुष बंसल और अमन गुप्ता द्वारा निवेश किया जाना, इस बात का प्रमाण है कि उद्यमशीलता और नवाचार को सही मार्गदर्शन और समर्थन प्राप्त हो, तो सफलता निश्चित है|
इस उपलब्धि के पीछे की कहानी सिर्फ दो भाइयों के सपनों और मेहनत की नहीं है, बल्कि यह उस अदम्य जिजीविषा और कश्मीर के उद्यमी युवाओं के संघर्ष की कहानी भी है, जो अपने प्रदेश की समृद्धि और विकास के लिए नए आयाम तय करने के इच्छुक हैं। इस घटना ने न केवल कश्मीर विलो बैट्स को एक नई पहचान दी है, बल्कि यह युवा उद्यमियों को भी प्रेरित करती है कि वे अपने सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़ें।